Senior Citizen Saving Scheme kya hai, what is Senior Citizen Saving Scheme in hindi, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना विशेषताएं, SCSS क्या है
पुराने समय में ज्यादातर संयुक्त परिवार ही हुआ करते थे जहाँ पर एक ही परिवार में 3-4 भाई और उनके बच्चे सब मिल जुल कर रहते थे। परिवार में जो बुजुर्ग होते थे उनका ध्यान रखने के लिए सभी तत्पर रहते थे। उस समय पर कभी सीनियर सिटीजन ( वरिष्ठ नागरिक ) को अपने लिए कुछ अलग से सेविंग करने की जरूरत ही नहीं महसूस होती थी। मगर जैसे जैसे समय बीतता गया संयुक्त परिवार अब एकल परिवार में बदल गए हैं।
अब पहले की तरह 4-5 बच्चे न होकर 1 या 2 ही हैं और वो भी पढ़ने के लिए या नौकरी के लिए बाहर चले जाते हैं, ऐसे समय पर सीनियर सिटीजन को अपने आप पर ही निर्भर होना पड़ता है। केवल शारीरिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें आत्म निर्भर बनना पड़ता है। उन्हें अपना दिनचर्या का खर्च चलाने के लिए खुद ही इंतज़ाम करना पड़ता है। बहुत से ऐसे लोग हैं जिनकी पेंशन आती है मगर जिनको पेंशन नहीं मिलती वो लोग अपना खर्चा कैसे करते हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सीनियर सिटीजन के लिए एक सेविंग स्कीम लांच की गई है जिसके बारे में इस लेख में चर्चा करेंगे।

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम क्या है। (What is Senior Citizen Saving Scheme in hindi)
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) सरकार द्वारा शुरू की गई एक ऐसी बचत योजना है जो 60 वर्ष से अधिक आयु के भारतीय नागरिकों के लिए बनाई गई है। इस योजना में खाता खोलने की तारीख से 5 साल के बाद जमा राशि परिपक्व होती है, लेकिन पहले इस अवधि को एक ही बार 3 साल के लिया बढ़ाया जा सकता था, मगर सरकार ने SCSS योजना को अब कितनी बार भी बढ़ाने की अनुमति दी है। यानी अगर निवेशक चाहे तो एक बार SCSS के मैच्योर होने के बाद 3-3 साल के लिए कितनी बार भी बढ़ा सकता है। SCSS सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों व् भारत के डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध है।
सरकार द्वारा शुरू की जाने की वजह से इस पर मिलने वाले रिटर्न गारन्टीड हैं। इस योजना का उद्देश्य निवृत्ति ( रिटायर्मेंट ) के बाद वरिष्ठ नागरिकों को एक नियमित आय प्रदान करना है। सीनियर सिटिज़न सेविंग स्कीम (SCSS) वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बहुत ही अच्छा आय निवेश विकल्प है। भारत में कोई भी बैंकों और डाकघर के माध्यम से सीनियर सिटिज़न सेविंग स्कीम (SCSS) का लाभ उठा सकता है।
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम की विशेषताएं
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में 1000 के मल्टीपल में रकम जमा की जाती है। आप अधिकतम 15,00,000 रुपए तक इसमें जमा कर सकते हैं, मगर नए नियमों के मुताबिक अब निवेशक इस अकाउंट में 30 लाख रुपये तक निवेश कर सकता है।
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Saving Scheme- SCSS) सरकार द्वारा खासतौर से उन लोगों के लिए शुरू की गई है जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है। इसके अलावा जिन लोगों ने वीआरएस लिया है, वो भी इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं।
- मौजूदा समय में इस स्कीम पर 8.2 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज मिल रहा है। जमा राशि पर तिमाही आधार पर ब्याज दिया जाता है।
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम का लाभ भारत में किसी भी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों व् भारत के डाकघरों के माध्यम से लिया जा सकता है। सरकार द्वारा शुरू की जाने की वजह से इस पर मिलने वाले रिटर्न गारन्टीड हैं।
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के फायदे ( Benefits of Senior Citizen Saving Scheme )
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मॉल सेविंग स्कीम है, इसलिए इसे विश्वसनीय और सुरक्षित निवेश विकल्पों में से माना जाता है।
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम खाते को पूरे भारत में कहीं भी ट्रांसफर किया जा सकता है।
- इस स्कीम में सबसे ज्यादा ब्याज 8.2% प्रतिवर्ष ब्याज दर के हिसाब से मिलता है जो कि बहुत ही आकर्षक है।
- इस स्कीम के तहत ब्याज का भुगतान हर तीन महीने में किया जाता है, ब्याज प्रत्येक अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर और जनवरी के पहले दिन आपके अकाउंट में आ जाता है।
- आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत इस स्कीम में निवेश करने पर आप 1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष टैक्स छूट भी प्राप्त कर सकते हैं।
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश की प्रक्रिया काफी सरल है। आप भारत में किसी भी अधिकृत बैंक या किसी भी पोस्ट ऑफिस में SCSS अकाउंट खोल सकते हैं।
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सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में किये गए बदलाव
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में सरकार ने कुछ बदलाव किये हैं जो कि 9 नवंबर से लागू हुए हैं। ये बदलाव वरिष्ठ नागरिकों को अधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से किये गए हैं। जो कोई भी इसमें निवेश करने की योजना बना रहा है उसे इन बदलावों का अच्छी प्रकार से समझ लेना चाहिए। ये बदलाव कुछ इस प्रकार से हैं।
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में सरकार वर्तमान समय में 8.2 फीसदी का ब्याज दे रही है।
- इस स्कीम के तहत रिटायरमेंट बेनिफिट को निवेश करने के लिए अब अधिक समय दिया जा रहा है। 55 साल से अधिक लेकिन 60 साल से कम के ऐसे व्यक्ति जो रिटायर हो चुके हैं उन्हें SCSS अकाउंट खोलने के लिए अब तीन महीने का समय मिलेगा जो कि पहले मात्र एक महीना ही था। ( रिटायरमेंट बेनिफिट्स का मतलब रिटायरमेंट के बाद किसी व्यक्ति को मिला प्रोविडेंट फंड इत्यादि )
- इस स्कीम के नए नियमों के अनुसार निवेशक द्वारा निवेश करने की राशि 30 लाख रुपये कर दी गई है, जो कि पहले 15 लाख रुपये थी।
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में परिपक्व होने के बाद 3 साल के लिए केवल एक बार समय अवधि बढ़ने का प्रावधान था, लेकिन मौजूदा बदलाव के बाद अब इसे कितनी बार भी बढ़ाने की अनुमति दी है। यानी अगर निवेशक चाहे तो एक बार सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के परिपक्व होने के बाद 3-3 साल के लिए कितनी बार भी बढ़ा सकता है।
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश के नियमों को और आसान बना दिया है। नए नियमों के अनुसार सरकार ने ड्यूटी के दौरान मरने वाले सरकारी कर्मचारियों के जीवनसाथी को भी योजना में निवेश करने की अनुमति दी है। हालांकि इस निवेश की अनुमति तभी मिलेगी जब मृत सरकारी कर्मचारी 50 साल की आयु को पार कर चुका हो और नौकरी पर रहते हुए उसकी मृत्यु हुई हो।
- इस स्कीम में नए नियमों के मुताबिक निवेश के एक साल पूरे होने से पहले खाता बंद करने पर जमा राशि का एक प्रतिशत काटा जाएगा।
निष्कर्ष
इस लेख से हमने ये जाना कि सीनियर सिटीजन (Senior Citizen Saving Scheme) के लिए सरकार द्वारा क्या स्कीम चलाई गई है और इसके क्या फायदे हैं। इसमें निवेश करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना है इत्यादि। सरकार द्वारा इसमें कुछ बदलाव किये गए हैं इसलिए निवेश करने से पहले इन बदलावों को भी ध्यान से जान लें।
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1. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में ब्याज दर कितनी है? | एससीएसएस में ब्याज दर कितनी है?
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में सरकार वर्तमान समय में 8.2 फीसदी का ब्याज दे रही है।
2. SCSS में कितनी राशि जमा कर सकते है ?
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में 1 लाख रु. से कम की राशि जमा कर सकते है।
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DISCLAIMER
यह लेख एक सूचना मात्र है जिसमे सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश करने के तरीकों की जानकारी दी है और हम इसमें कहीं भी पाठको को निवेश करने के लिए प्रेरित नहीं कर रहे। निवेश करने से पहले योजना से जुड़े सभी दस्तावेज़, शर्ते व नियम ध्यान से पढ़ें। निवेश करने से पहले अपने आर्थिक सलाहकार (फाइनेंसियल एडवाइजर ) की सलाह जरूर ले ।